मों के मुकाबले वीगन औरतों की संख्या जयादा क्यों है

खाने की आदतों की बुनियाद पर लोग दो तरह तब भी वो अप्रत्यक्ष रूप से पितृसत्तातमक समाज महिलाएं मांस बिल्कुल ही ना खाएं. बहुत सी के होते हैं, शाकाहारी और मांसाहारी. लेकिन में ही जी रहा था. चूंकि मर्द शिकार करते थे, स्टडी से पता चलता है कि ऐसे बहुत से लोग हैं आजकल एक नया शब्द काफी चलन में है. इसीलिए मांस खाना अपनी शान समझते थे. आगे जो जानवरों से हमदर्दी तो करते हैं, लेकिन मांस श्वीगनश्. वेगन आहार में पूर्ण रूप से केवल फल चलकर बाजार ने भी मर्दो की इस सोच और खाना भी पसंद करते हैं. दरअसल बाजार में मांस और सब्जियां ही शामिल हैं. वीगन डाइट फॉलो आदत को और पुखता किया. उन्नीसवीं सदी में इतने सलीके से बेचा जाता है कि खरीदने वाला करने वाले लोग दूध और दूध से बने उत्पादों का जब महिलाओं ने अलग पार्टियों में खाना शुरु कर ये भूल ही जाता है कि ये मांस किसी की जान भी सेवन नहीं करते. आज दुनिया भर में वेगन दिया, तो रेस्टोरेंट और विज्ञापन पेश करने वाली लेकर उसके शरीर से नोंच कर निकाला गया है. लोगों की अच्छी खासी संख्या है. सेलिब्रिटी के कंपनियों ने खानों को दो वर्गों में बांट दिया. दाल, मसलन दुकानों में जानवरों की आंखें, उनकी बीच तो वीगन डाइट का चलन कुछ ज्यादा ही सब्जी, सलाद और दही को महिलाओं का खाना खाल, पैर, जबान इत्यादि दुकान में नहीं रखे है. कहा जाए कि फिल्मी सितारों और दीगर कहा जाने लगा. जबकि, मांस, मछली, अंडे आदि जाते. अगर ये सब दुकान में रख दिया जाए, तो, मशहूर हस्तियों ने ही इस आहार को जयादा मर्दो का खाना कहलाए जाने लगे. यही सोच हम हो सकता है खरीदने वाले का मन बदल जाए. वो लोकप्रिय बनाया है, तो गलत नहीं होगा. अमरीका आज भी अपनी अगली पीढ़ियों तक पहुंचा रहे हैं. मांस खाना ही छोड़ दे. वहीं रेस्टोरेंट में भी मांस के बड़े सेलेब्रिटी जैसे, माइली साइरस, वीनस सॉय बॉय एक खास तरह का शब्द है, जो उन के पकवानों के तरह-तरह के नाम होते हैं. जैसे विलियम्स, अरियाना ग्रांड, अगर किसी को बियोन्से आदि वीगन सुअर का गोश्त आहार की ब्रांड एम्बेसडर खाना है, तो, वो ये कहलाती हैं. इन्हीं की शब्द इस्तेमाल नहीं देखा देखी बॉलीवुड में भी करेगा. वो कहेगा बहुत सी अभिनेत्रियों ने उसे पोर्क चाहिए. वीगन होने का एलान कर बकरे का गोश्त दिया है. इसमें सोनम खाना है तो कहेगा कपूर, करीना कपूर, मटन चाहिए. ऐसे मल्लिका शेरावत जैसे नाम शायद नाम शामिल हैं. इसके एहसास-ए-गुनाह अलावा शाहिद कपूर, से बचने के लिए आमिर खान, अक्षय कुमार रखे जाते हैं. मांस जैसे बड़े अभिनेताओं ने खाने वालों के पास भी खुद के वेगन होने का अपनी आदत को एलान कर दिया है. सही साबित करने लेकिन हैरत की बात है के लिए दलील भी कि वीगन लोगों में मर्दो मौजूद होती हैं. वो के मुकाबले, औरतों की इसे कुदरती खाद्य संख्या कहीं जयादा है. अमरीका में वीगन लोगों लड़को या मों के लिए इस्तेमाल किया जाता है श्रृंखला का हिस्सा बताते हैं. कहते हैं कि अगर की संख्या जानने के लिए एक सर्वे किया गया. . जो सोयाबीन का सेवन जयादा करते हैं. माना जानवरों को खाया नहीं गया, तो कुदरत का सर्वे में सैम्पल साइज 11 हजार का था. नतीजे में * जाता है कि सोयाबीन का ज्यादा सेवन करने से । निजाम बिगड़ जाएगा. गोश्त को खुदा की नेमत पाया गया कि वेगन आहार लेने वालों में सिर्फ 24 - मर्दो की शारीरिक संरचना बिगड़ जाती है. सेक्स .. समझ कर खा लेना चाहिए. कुछ विद्वान कहते हैं फीसद ही पुरुष हैं. वीगन आहार सेहत के लिए " की ख्वाहिश में कमी आ जाती है. हालांकि इसका इसका कि मांस, इंसान की प्रोटीन की जरूरत पूरा करने काफी फायदेमंद है फिर भी मर्द इसकी तरफ ___ कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. लेकिन ये सोच बड़े के लिए जरूरी है. लिहाजा इसे खाना कोई बुरी आसानी से आकर्षित क्यों नहीं होते? मनोवैज्ञानिकों के पैमाने पर पाई जाती है. सॉय बॉय शब्द शब्दकोश . बात नहीं. 1980 की एक रिसर्च बताती है कि का कहना है कि मर्दो को शायद लगता है कि '' तक में मौजूद है. प्रोफेसर हाइन का कहना है कि त आदिम समाज में मर्द ही शिकार करने का काम मांस खाना मर्दानगी की निशानी है. जबकि सिर्फ बहुत बहुत से मर्द रेस्टोरेंट आदि में खाना खाते समय करता था. जाहिर है उसके पास ताकत ज्यादा फल-सब्जियां खाने से उनकी मर्दानगी को चोट सलाद या सब्जियां ऑर्डर करने से शरमाते हैं. सा थी. लिहाजा ऐसे समाज जहां मांस खाने का लगती है. समाज में उन्हें नीची नजर से देखा कहीं भीतर डर रहता है कि उनकी मर्दानगी पर चलन ज्यादा होता है वह पुरुष प्रधान समाज होते जाने लगता है. ये बिल्कुल ऐसा ही है जैसे अगर शक तो नहीं किया जाएगा. रिसर्च में ये भी पाया हैं. जबकि खेती पर निर्भर समाज समानता के कोई लड़का बचपन में गुड़िया की चोटी गूंथने गया है कि औरतें, मर्यों के मुकाबले ज्यादा दयालु वा या सिद्धांत पर विश्वास रखते हैं. क्योंकि ऐसे समाज लगे तो कहा जाता है, उसमें लड़कियों वाली और रहमदिल होती हैं. जानवरों से उन्हें खास में महिलाओं की भागीदारी भरपूर होती है. अदाएं हैं. यानी उसे मर्द की श्रेणी में रख दियालगाव होता है. शायद इसलिए भी महिलाएं पुरुषों बहरहाल, मों के मुकाबले वीगन औरतों की है अमरीका की निर्मिती के मुकाबले ज्यादा संख्या में वीगन हैं. जानवरों संख्या ज्यादा क्यों है इस पर रिसर्च अभी जारी के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीवन हाइन का कहना । ' के अधिकारों के लिए काम करने वालों में भी है. लेकिन एक बड़ा सच यही है कि, महिलाएं ही है कि शुरुआत में इंसान पेट भरने के लिए शिकार - महिलाओं की ही संख्या जयादा है. लगभग 75 वीगन डायट ज्यादा अपनाती हैं. इसकी एक बड़ी करता था और मांस खाता था. शिकार करना, मर्दो । * फीसदी. 1940 में अमरीका में जानवरों के अधिकार वजह शायद सहानुभूति है, जो पुरुषों के मुकाबले के हिस्से का काम था. जब समाज जैसी किसीकी मांग उठाने वाली दो महिलाएं ही थीं. ऐसा भी , महिलाओं में ज्यादा होती है चीज की कल्पना भी इंसान के दिमाग नहीं थी, जरूरी नहीं कि जानवरों से प्यार करने वाली


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