जब हम उत्तरी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाके में भीड़ से जगहों पर हमें 100 से 200 लोगों की भीड़ नजर आई. के बीच का चुनाव कहने पर चुनाव आयोग न उन्ह घिर हुए थ ता कुछ लोग हमार हाथा समाबाइल फान इनमें से कुछ लोगों के हाथों में तिरंगा था, एक-दो नोटिस भी भेजा था. उन्होंने बीते रविवार पुलिस को छानन का कााशश कर रह थ. हमार फान म मगलवार लोग भगवा झंडे लिए जय श्री राम, भारत माता की अल्टीमेटम दिया था कि अगले तीन दिनों के अंदर का उत्तरा दिल्ली में घटा हिसक घटनाआ का जय, वंदे मातरम जैसे नारे लगा रहे थे. इस भीड़ में जाफराबाद क्षेत्र की एक मुख्य सड़क को खाली रिकार्डिग था. हम अपन मोबाइल फान बचाने का कुछ लोग श्देश के गद्दारों को गोली मारो"" कोश् जैसे कराया जाए. ये माना जा रहा है कि कथित रूप से काशश हा कर रह थकि तभा हमार पास कुछ पत्थर नारे भी लगा रहे थे. वहीं, मुस्लिम मोहल्लों की कुछ मिश्रा का बयान दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए आकर गिर. आर इसक तुरत बाद हमन गला स एक गलियों में कुछ लड़के खड़े थे जो हाथों में लोहे के जिम्मेदार है. हालांकि, उत्तरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से व्यक्ति का निकलत दखा जिसक हाथा म एक कपड़ा सरिए, डंडे और ऐसे ही दूसरी चीजें अपने हाथों में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कपिल मिश्रा के बयानों बंधा हआ था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस व्यक्ति के लिए दिख रहे थे. दोनों ही ओर के लोगों ने बताया कि से सहमत नहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद अब तक हाथ म गाला लगा हुइ था आर राड का दूसरा आर का वे अपने इलाकों के बाहर लड़कों को तैनात कर रहे हैं कपिल मिश्रा के खिलाफ पार्टी और पुलिस की ओर से एक छत स किसा व्यक्ति न इस पर गाला चलाइ था. ताकि दूसरी ओर से हमला होने पर उससे निपटा जा किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मिश्रा ने इस पूर बवाल क बाद उस गला का रास्ता बद कर सके. इन हिंसक घटनाओं में कई मुसलमानों के मारे अपने भाषण में जो कहा है, भीड़ में कई लोग उसी दिया गया जिसस हाकर हम मुख्य रास्त पर आन का जाने की अफवाहें चल रही हैं. कई हिंदुओं के घायल तरह की बातें कर रहे हैं कपिल मिश्रा ने एक वीडियो कोशिश कर रहे थे. इस गली बद होने की वजह से हमें होने और उनके घर जलाए जाने की बातें भी जारी हैं. ट्वीट कर लिखा कि, जाफराबाद खाली हो चुका हैं इलाके की छोटी-छोटी दिल्ली में दूसरा तंग गलियों से होकर शाहीन बाग नहीं गुजरना पड़ा ताकि हम बनेगा. इससे कुछ उस जगह पर पहुंच सकें घंटों पहले उन्होंने जहां पर भीड़ थोड़ी कम एक ट्वीट किया था, आक्रामक और आक्रोशित मुझे जान से मारने की हो. लेकिन ये पहला धमकियाँ दी जा रही मौका नहीं था जब उत्तरी हैं. बंद सड़कों को दिल्ली में फैली हिंसा की खुलवाने को कहना रिपोर्टिंग करते हुए हमें कोई गुनाह नहीं. ।। इन स्थितियों का सामना का समर्थन कोई का करना पड़ा हो. गुनाह नहीं. एक दिल्ली को देखते हुए रिटेल स्टोर में काम लगता है कि जैसे ये करने वाले रोशन ने शहर बारूद के एक ढेर मुस्लिम बहुल इलाके पर बैठा हो. हम दिल्ली खजूरी कच्ची की ओर के उन इलाकों में गए इशारा करके हमें जहां धारा 144 लगी हुई लेकिन कोई भी इन बातों का खंडन करने या पुष्टि बताया कि आने वाले तीन दिनों में ये जगह उन लोगों थी. इसका मतलब है कि दो या तीन से जयादा लोग के यादा लोग करने के लिए तैयार नहीं है. ऑटो ड्राइवर गुलशेर से खाली करा ली जाएगी. वहीं, सिविल सेवा की एक जगह मौजूद नहीं रह सकते. इसी इलाके में लोगों कहते हैं कि प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. ऐसा तैयारी कर रहे एक युवा पृथ्वीराज ने लगभग 300 के हुजूम ने एक पूरे बाजार को आग के हवाले कर लात लि कर लगता है कि सरकार ने हम लोगों को लड़ने और मरने लोगों की भीड़ की ओर इशारा करते हुए हमें बताया दिया. एक स्थानीय व्यक्ति ने हमें बताया कि इनमें से ही के लिए छोड़ दिया है. राजीव नगर की रेजिडेंट कमेटी कि पुलिस इन लोगों से कुछ नहीं कह रही है क्योंकि ज्यादातर दुकानें मुसलमान समुदाय के लोगों की हैं. के मह • के महासचिव इस्लामुद्दीन कहते हैं कि कुछ बाहरी ये लोग दंगाई नहीं हैं, ये सब मुसलमान कर रहे हैं. जलते हुए टायरों की दुर्गंध और जलते हुए बाजार से लोग हिंट और हए बाजार स लोग हिंदू और मुसलमानों में दरार पैदा करने की पुलिस ने खजूरी कच्ची की ओर टीयर गैस छोड़कर उठता धुआं काफी दूर से ही देखा जा सकता था. कोपिक था. कोशिश कर रहे हैं. इस्लामुद्दीन इन हालातों की तुलना भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. लेकिन लेकिन इस पूरे वाकये को कैमरे पर रिकॉर्ड करने के 100 क 1984 के सिख दंगों से करते हैं जब पूरी दिल्ली में हिंसा और डर के इस माहौल में भी राजेंद्र मिश्रा जैसे लिए हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस व्यापक स्तर पर हिंसा देखने को मिली थी. इस्लामुद्दीन कुछ लोग हैं जो हिंसाग्रस्त इलाकों में से एक चांदबाग माटर दूर कुछ युवा दुकाना पर मानते हैं कि जब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भड़काऊ में सुरक्षित महसूस करते हैं. चांदबाग एक मुस्लिम पत्थर फेंक रहे थे. जब उन्होंने देखा कि हम उनकी पालन उनका बयानबाजी की थी तब अगर उनके खिलाफ सही बहुल इलाका है. मुसलमानों और हिंदुओं ने एक जुट हरकतों को कैमरे पर रिकॉर्ड कर रहे हैं तो उन्होंने न कदम उठाए गए होते तो चीजें हाथ से बाहर नहीं होकर मंदिरों के बाहर पहरा दिया. इससे पहले हमारी आर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया. हालाकि, जातीं कपिल मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी से सोमवार को एक इलाक क पार चाद शाह का मजार हम एक ओवर ब्रिज पर मौजूद थे लेकिन हम इन विधायक थे लेकिन वे अब बीजेपी के सदस्य हैं और को कुछ दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था. पत्थरा स बाल-बाल बच आर हम इस इलाक स अपनी तीखी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. हाल में अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. इस दौरान हमें न म दिल्ली विधानसभा चुनाव को इंडिया बनाम पाकिस्तान बीच-बीच में जय श्री राम के नारे भी सुनाई दिए. कई
दिल्ली हिंसाः क्या बारूद के ढेर पर बैठी दिख रही है राजधानी?